कुछ नहीं बदलेगा इंतजार से,
उठो , जागो और लड़ो भ्रष्टाचार से ,
दिन , महीने ,सालो बीत गए ,
आम आदमी हार गया,भ्रष्टाचारी जीत गए ,
परिवर्तन होगा अब वोट क्रांति के हथियार से ,
उठो , जागो और लड़ो भ्रष्टाचार से ,
कुछ नहीं बदलेगा इंतजार से,
बच्चे बड़े हो रहे हैं ,छोटी थाली हो गयी ,
जरूरते बड रही हैं ,जेब खाली हो गयी ,
अब भी ना लड़े तो,
खाली पेट ही चले जायेंगे हमइस संसार से ,
उठो , जागो और लड़ो भ्रष्टाचार से ,
कुछ नहीं बदलेगा इंतजार से,
कोई नहीं आएगा लड़ने को तेरेलिए ,
तमाम उम्र लड़ता रहू मैं ,ये सम्भव नहीं मेरे लिए ,
हराम की कमाई का नशा उतरता नहीं प्यार से ,
उठो , जागो और लड़ो भ्रष्टाचार से ,